नई पुस्तकें >> इंसाफ दो इंसाफ दोसुरेन्द्र मोहन पाठक
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
सार्थक बराल अपनी पत्नी के कत्ल का अपराधी था और गिरफ्तार था। आम धारणा थी कि वो बेगुनाह था, केवल विपरीत परिस्थितियों का शिकार था। फिर पब्लिक सेंटीमेंट्स उसके हक में इस दर्जा भड़का कि चौतरफा पुकार होने लगी ‘सार्थक को इंसाफ दो।’ क्या सार्थक को इंसाफ मिला ? जानने के लिए पढ़ें सुधीर कोहली सीरीज का ये उपन्यास।
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